उस से कहो एक बार भूल कर आ जाये ,
जो बीती है उस पर , वो तो सुना जाये ,
हंस हंस के ग़म छुपाने का हुनर ,
उस से कहो हम को भी सिखा जाये ,
उस की याद में तड़पता रहता हूँ हर पल ,
उस से कहो मेरे दिल से अपना नाम तो मिटा जाये ,
अरसा हुआ है चाँद को देखे हुए लोगो ,
उसे कहो के अपना चेहरा तो दिखा जाये ,
आये भी तो क्या दे सकूँगा उस को ,
फ़क़त एक ज़िन्दगी है , वो अपने नाम लिखवा जाये ....
आना तो है शायद कुछ देर हो जाए
जो बीती है उसका जखम भर तो जाये
ग़म छुपाने का हुनर नहीं है ये
हम तो तेरी याद में ही मुस्कुराये
दिल से मिटाना तो दूर की बात है
पहले उस पेड़ से तो नाम मिट जाये
हम इस उम्मीद से आसमान देखते हैं
शायद चाँद के जरिये ही बात हो जाये
खुश हैं सुनकार की तुम तो जिंदा हो
हम अपनी जिंदगी तो कब की दफना आये .
Aacha hai......
ReplyDelete