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Saturday, 24 March 2012

मैं जानता हूँ .........



क्या होगा मोहब्बत का असर जानता हूँ
दिल पर ही बरसेगा कहर जानता हूँ

इक तेरी ही चाह में मेरा तो सूख-चैन गया 
पर तुझको नहीं है खबर जानता हूँ

दिल की तसल्ली के लिए बैठा हूँ किनारे पर 
न आएगी मोहब्बत की लहर जानता हूँ

जब-जब तुझसे मिलने की दुआ है की मैंने 
कैसे भूलूंगा वो शामो-सहर जानता हूँ

नाकाम हसरतों को लिए जी रहा हूं मैं 
इक दिन तो पीना है जहर जानता हूँ. 

1 comment:

  1. कल 27/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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