किसी को देखते ही ही तेरा गुमान होता है.
मेरा हर ख्वाब बस यूँ ही तमाम होता है.
मैंने तो कदम रख दिया है राहे-इश्क में
देखता हूँ इस सफ़र का क्या अंजाम होता है.
ये तो मेरे दिल की फितरत है मैं क्या करूँ
इक तेरा दिल ही अब इसका मुकाम होता है.
मुमकिन नहीं है अब तो भूल जाऊं मैं तुम्हे
मेरे लब पे अब तो बस तेरा ही नाम होता है.
ऐ मेरे दिल अब ये तू मुझको भी बता दे
कि उसकी याद सिवा भी कोई काम होता है.
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