तुम्हे क्या पता कि क्या हो तुम......
बहती हुई नदी हो,
खूबसूरत फिजां हो तुम
तुम्हे क्या पता...................
मोहब्बत एक तहरीर है
अन्दाजें बयां हो तुम
तुम्हे क्या पता....................
सलीके इश्क कि महफ़िल में
शर्मो-हया हो तुम
तुम्हे क्या पता...................
बीते हुए कल की
एक खूबसूरत वाकया हो तुम
तुम्हे क्या पता...................
No comments:
Post a Comment