Thursday 26 April 2012
Wednesday 25 April 2012
Monday 23 April 2012
माँ .....
माँ संवेदना है, भावना है , अहसास है
माँ चिंता है, याद है, हिचकी है
माँ हमेशा बच्चे की चोट पर सिसकी है...
तो पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का आसमान है...
वो खुशनसीब हैं, माँ-बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि,
माँ-बाप की आशीषों के हजारों हाथ होते है...
माँ जिन्दगी के फूलों का वास है..
तो, पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है...
माँ गीत है, लोरी है, प्यारी सी थाप है
माँ पूजा की थाली है, मन्त्रों का जाप है...
तो, पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा तो कभी खारा है...माँ चिंता है, याद है, हिचकी है
माँ हमेशा बच्चे की चोट पर सिसकी है...
तो पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का आसमान है...
वो खुशनसीब हैं, माँ-बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि,
माँ-बाप की आशीषों के हजारों हाथ होते है...
Thursday 19 April 2012
ज़िन्दगी यूँ थी....
ज़िन्दगी यूँ थी के जीने का बहाना तू था
हम फ़क़त ज़ेब -इ -हिकायत थे , फ़साना तू था...हम ने जिस जिस को भी चाहा तेरे हिज्राँ में , वो लोग
आते जाते है मौसम थे , ज़माना तू था...
अब के कुछ दिल ही न मन के पलट कर आते
वरना हम दर -बा -दरों का तो ठिकाना तू था...
यार -ओ -अघ्यार के हाथों में कमाने थीं 'फ़राज़'
और सब देख रहे थे के निशाना तू था....
Tuesday 17 April 2012
क्यों ?
अब नहीं आती
रात भर जाग कर बात करने वाली रातें....
अब नहीं होते
ख़ामोशी वाले कितने घंटे......
अब नहीं मिलते
मुश्किल से निकाले हुए पांच मिनट .....
अब नहीं आती वो मिस्सेड कालें.....
अब नहीं जगाता
तुम्हें रात रात भर....
अब नहीं करता
तुम्हें मिलने की जिद....
अब नहीं मांगता
तुम्हारी तस्वीरें ......
अब नहीं खरीदता
तुम्हारे लिए उपहार .....
फिर भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ ......
क्यों ? कैसे ?
शायद .......
ऐसे ही :)
तुझे भूलते जाते हैं.........
बुझती हुयी साँसों से हर वादा निभाते हैं
तुझे भूलते जाते हैं...तुझे भूलते जाते हैं
उम्मीद से हर रिश्ता तोडे हुए हम
तेरे दर है जब से छोड़ा..अपने घर भी कहाँ जाते हैं
हम तनहा रह के ख़ुद को तेरे और करीब पाते हैं
खुदा भी आजकल है मुझपर मेहरबान अजब देखो
जब चाहता हूँ अश्क उमड़ते चले आते हैं
तू फ़िक्र न कर तेरी रुसवाई का मेरे हमदम
जिससे भी मिलते हैं हर लम्हा मुस्कुराते हैं
अब तो खूब सीख लिया हमने झूठ बोलने का हुनर
कह रहे हैं तुझे भूलते जाते हैं...हाँ, भूलते जाते हैं...
Friday 6 April 2012
Thursday 5 April 2012
Wednesday 4 April 2012
Tuesday 3 April 2012
Monday 2 April 2012
Sunday 1 April 2012
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