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Monday 23 April 2012

Kisi Nazar Ko Tera Intezar Aaj Bhi Hai

माँ .....

माँ संवेदना है, भावना है , अहसास है
माँ जिन्दगी के फूलों का वास है..
तो, पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है...
माँ गीत है, लोरी है, प्यारी सी थाप है
माँ पूजा की थाली है, मन्त्रों का जाप है...
तो, पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा तो कभी खारा है...
माँ चिंता है, याद है, हिचकी है
माँ हमेशा बच्चे की चोट पर सिसकी है...
तो पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का आसमान है...
वो खुशनसीब हैं, माँ-बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि, 
माँ-बाप की आशीषों के हजारों हाथ होते है...

Thursday 19 April 2012

Karoge Yaad To Har Baat Yaad Aayegi - Best Of Bhupinder Singh

TU NAHI TO ZINDAGI MEIN SUNG BY CHITRA SINGH

Ishq Leta Hai Kaise Imtihaan

GUM SUM HO KYON...

Ab Mujhe Raat Din ~ Sonu Nigam

Mujhse Bichad Ke-Jagjit Singh

Dekh Ke Tum Ko - A Gazal By Jagjit Singh And Asha Bhonsle

Kyon Zindagi Ki Raah Main Majboor Hogaye

Jhuki jhuki si nazar beqarar hai ke nahi

KOI YE KAISE BATAYE .....

Main bhool jaoon tumhein ab yehi munasib hai

ज़िन्दगी यूँ थी....












ज़िन्दगी  यूँ  थी  के  जीने  का  बहाना तू   था 
हम  फ़क़त  ज़ेब -इ -हिकायत  थे , फ़साना  तू  था...

हम  ने  जिस  जिस  को  भी  चाहा  तेरे  हिज्राँ  में , वो  लोग
आते  जाते  है  मौसम  थे , ज़माना  तू  था...

अब  के  कुछ  दिल  ही  न  मन  के  पलट  कर  आते
वरना  हम  दर -बा -दरों  का  तो  ठिकाना  तू  था...

यार -ओ -अघ्यार  के   हाथों  में  कमाने  थीं  'फ़राज़'
और  सब  देख  रहे  थे  के  निशाना  तू  था....

KIYA HAI PYAR JISE HUMNE ZINDAGI KI TARHA ..

Mil kar juda huye toh na soya karein ge hum

Mere zindagi kisi aur ki

Tuesday 17 April 2012

क्यों ?


अब नहीं आती
रात भर जाग कर बात करने वाली रातें.... 
अब नहीं होते 
ख़ामोशी वाले कितने घंटे...... 
अब नहीं मिलते 
मुश्किल से निकाले हुए पांच मिनट .....
अब नहीं आती वो मिस्सेड कालें.....
अब नहीं जगाता 
तुम्हें रात रात भर....
अब नहीं करता 
तुम्हें मिलने की जिद.... 
अब नहीं मांगता
तुम्हारी तस्वीरें ......
अब नहीं खरीदता
तुम्हारे लिए उपहार .....
फिर भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ ......

क्यों ? कैसे  ?
शायद .......

ऐसे ही :) 

यूँ ही......


तुम्हारी याद एक जख्म है 
जिसे कुरेद कर ...
मैं अपने आप को यकीन दिलाता हूँ 
कि जिंदा हूँ मैं अभी ........ 

तुझे भूलते जाते हैं.........


बुझती हुयी साँसों से हर वादा निभाते हैं
तुझे भूलते जाते हैं...तुझे भूलते जाते हैं
उम्मीद से हर रिश्ता तोडे हुए हम
तेरे दर है जब से छोड़ा..अपने घर भी कहाँ जाते हैं
वीरानियों से निस्बत कुछ दिन से बढ़ गई है
हम तनहा रह के ख़ुद को तेरे और करीब पाते हैं
खुदा भी आजकल है मुझपर मेहरबान अजब देखो
जब चाहता हूँ अश्क उमड़ते चले आते हैं
तू फ़िक्र न कर तेरी रुसवाई का मेरे हमदम
जिससे भी मिलते हैं हर लम्हा मुस्कुराते हैं
अब तो खूब सीख लिया हमने झूठ बोलने का हुनर
कह रहे हैं तुझे भूलते जाते हैं...हाँ, भूलते जाते हैं...

Thursday 5 April 2012

ABHI MUJH MAIN KAHIN......

समझा दो अपनी यादों को


समझा  दो  अपनी  यादों  को ,
वो  बिन  बुलाये  पास  आया  करती  हैं ,
आप  तो  दूर  रहकर  सताते  हो  मगर ,
वो  पास  आकर  रुलाया  करती  हैं .  

अब न मिले वो एक पल भी तो ...

तय  करना  था  एक  लम्बा  सफ़र  पर  कोई  हमसफ़र  नहीं  था 
मुझपे  आते  जाते  मौसमों  का  कोई  असर  नहीं  था 
क्या  खूब  मिली  थी  उनसे मेरी  नजर  किसी  रोज 
अब  न  मिले  वो  एक  पल  भी तो हमको  सबर  नहीं  था ......

बहाने....


इस  कदर  हम  उन्हें  मनाने  निकले ,
उनकी  चाहत के  हम  दीवाने  निकले ,
जब  भी  उन्हें  दिल  का  हाल  बताना चाहा,
उनके  होठों  से  वक़्त  न  होने  के  बहाने निकले.

दूरी


प्यार  से  प्यारी  कोई  मज़बूरी  नहीं  होती ,
कमी  अपनों  की  कभी  पूरी  नहीं  होती ,
दिलों  का  जुदा  होना  एक  अलग  बात  है ,
नज़रों  से  दूर  होना  कोई  दूरी  नहीं  होती ….

बेबसी..

दर्द  को  ज़ख्म ने  सींचा  है 
हमको  उनकी  मोहब्बत  ने  रोका  है 
चल  दिए  होते  चार  कंधो  पर 
पर  कम्बक्त  उनकी  बेबसी  ने  रोका  है 

Wednesday 4 April 2012

ज़ख़्म



कितना  अजीब  होता  है  लोगों  का  अंदाज़ -ऐ -मुहब्बत .........
रोज़  इक  नया  ज़ख़्म  देकर  कहते हैं  "अपना  ख़याल  रखना "

For my Lovely angel.....

Sunday 1 April 2012

वक्त.....

जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था लम्बी दूरी तय करने में वक्त तो लगता है........

Tuesday 27 March 2012

पर तुम न समझे........

                                                                                                                    




क्या हुआ जो मिट गया तुम्हें  बनाने में 
मेरी तो दुनिया उजड़ गयी तुम्हें महकने में 
पर तुम न समझे मेरे प्यार की कीमत क्या है 
यूँ ही सदियाँ बीत गयी तुम्हें समझाने में

शीशा......

मैं  उस  के  हाथों  में था  टूटे  हुए शीशे की  तरह..
बड़ी उम्मीद  थी  की  बिखरने नही  देगी,
बस  गिराया  कुछ  इस  अदा  से  की..
फिर  सिमटने की  आस ही  न  रही .


मजबूर.......

कितने  मजबूर  हैं  तकदीर  के  हाथों हम ,
 ना तुम्हे पाने  की  हैसीयत रखते  है  ना तुम्हे खोने  का  होंसला....





गिला - शिकवा

मिला  वो  भी  नहीं  करते , मिला  हम  भी  नहीं  करते
गिला  वो  भी  नहीं  करते , शिकवा  हम  भी  नहीं  करते
किसी  मोड़  पर  टकराव  हो  जाता  है  अक्सर  ही,
रुका  वो  भी  नहीं  करते ,ठहरा  हम  भी  नहीं  करते ...






Monday 26 March 2012

दर्द

मुझे छोड़ दे  मेरे  हाल  पर  तेरा क्या भरोसा  एय हमसफ़र
तेरी  मुख्तासिर  सी  नवाज़िशें  मेरा  दर्द और बढ़ा  ना दे...

Saturday 24 March 2012

दिल ही नहीं तो दिल के सहारों को क्या करूँ..........

पर ये ख्वाब है

बंद आखों में बिन बोले तुम चली आती हो
थोड़ी देर ही सही जीवन को महका जाती हो
मैं सोचता हूँ की कहीं ये सच तो नहीं है
पर ये ख्वाब है तुम धीरे से समझा जाती हो 



तुम्हारा आना ...... तुम्हारा जाना

कोई आ जाता है अक्सर मेरे गुमनाम ख्यालों में
उलझता जाता हूँ फिर मैं उसकी यादों के जालों में
सौ बार कोशिश कर लिया आ न सका उससे बाहर
जाने क्या सुख मिलता मुझे इन जी के जंजालों में.



ये पता तुझको भी है....


मेरे ही किसी बात पर वो नाराज हो गया.

और इस तरह मोहब्बत का आगाज़ हो गया.

मालिक हुआ करता था मैं खुद अपने दिल का.

अब तो कोई और मेरे दिल का सरताज हो गया. 



छोड़ के जाना न तुम मुझे......



मेरे लिए तो तेरी एक मुस्कान बहुत है
इतना तो करम कर दे एहसान बहुत है

सहता हूँ किस तरह तुझे मालूम नहीं है
मेरे दुश्मन की तरफ तेरा रुझान बहुत है

 खिंचता  ही जा रहा हूँ तेरी चाहत की तरफ मैं
वैसे तो मोहब्बत के सिवा काम बहुत है

दिल की सुनूँ मैं या ज़माने की सुनूँ मैं
मेरा दिल तेरी मोहब्बत में बदनाम बहुत है

अब आ गए हो छोड़ के जाना न तुम मुझे 
पहलू में तेरी मुझको आराम बहुत है, 

मैं जानता हूँ .........



क्या होगा मोहब्बत का असर जानता हूँ
दिल पर ही बरसेगा कहर जानता हूँ

इक तेरी ही चाह में मेरा तो सूख-चैन गया 
पर तुझको नहीं है खबर जानता हूँ

दिल की तसल्ली के लिए बैठा हूँ किनारे पर 
न आएगी मोहब्बत की लहर जानता हूँ

जब-जब तुझसे मिलने की दुआ है की मैंने 
कैसे भूलूंगा वो शामो-सहर जानता हूँ

नाकाम हसरतों को लिए जी रहा हूं मैं 
इक दिन तो पीना है जहर जानता हूँ. 

तुम्हे क्या पता...................




तुम्हे क्या पता कि क्या हो तुम......



बहती हुई नदी हो,

खूबसूरत फिजां हो तुम
तुम्हे क्या पता...................



मोहब्बत एक तहरीर है

अन्दाजें बयां हो तुम
तुम्हे क्या पता....................



सलीके इश्क कि महफ़िल में

शर्मो-हया हो तुम
तुम्हे क्या पता...................



बीते हुए कल की

एक खूबसूरत वाकया हो तुम
तुम्हे क्या पता................... 


सवाल अपने दिल से.........




अक्सर मैं अपने दिल से ये सवाल करता हूँ..
अक्सर ही क्या अब तो बार बार करता हूँ....

गर तू मेरा ही दिल है तो सच सच ये बता दे... 
कि क्या मैं आजकल किसी से प्यार करता हूँ ?

Friday 23 March 2012

तेरा गुमान होता है......




किसी को देखते ही ही तेरा गुमान होता है.

मेरा हर ख्वाब बस यूँ ही तमाम होता है.

मैंने तो कदम रख दिया है राहे-इश्क में
देखता हूँ इस सफ़र का क्या अंजाम होता है.

ये तो मेरे दिल की फितरत है मैं क्या करूँ
इक तेरा दिल ही अब इसका मुकाम होता है.

मुमकिन नहीं है अब तो भूल जाऊं मैं तुम्हे
मेरे लब पे अब तो बस तेरा ही नाम होता है.

ऐ मेरे दिल अब ये तू मुझको भी बता दे
कि उसकी याद सिवा भी कोई काम होता है. 

Thursday 22 March 2012

मेरी तो एक बात का इतना बुरा लगा......

रास्ते याद नहीं (तलत अज़ीज़)

कैसे सुकून पाऊँ तुझे देखने के बाद ( तलत अज़ीज़)

तलत अज़ीज़ ..... शबनम के आंसू फूल पर

तलत अज़ीज़...... खुश्क ही सही ऑंखें कुछ ना कुछ ...

शाम से आँख में नमी सी है ...

बस इक लम्हे का झगडा था............

गुलज़ार - ये खेल आखिर किसलिए

तू ही रे ... तेरे बिना मैं कैसे जीउँ..

Love Story

i wanna grow old with you

Tuesday 20 March 2012

Apni marzi se kahan apne safar ke hum hain (Jagjit Singh)

Hai Dil Ko Teri Aarzoo

Bin Tere (Reprise) - I Hate Luv Storys (2010) *HD* - Music Videos

Tune meri jaana - FULL.flv

Tanha Tanha Hum Roo len gain (Hope)

Kuch is Tarah Atif aslam

Mein Tenu Samjhawan.flv

Teri yaadein

Chori Kiya Re Jiya

Phir Suna Meethi meethi si woh dastaan.

Tune meri jaana

Tum Pyar Ko Mera Daga Mat Dena

Aansoo Jab Palkon Se Behkar Aate Hain Aap Hamey kitna yaad Aati hai

Tuesday 6 March 2012

एहसास.......



धीरे धीरे यह एहसास हो रहा है.. 
वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है.
कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़..
आज क्यूँ मेरा रकीब हो रहा है .


  

कोई ख्वाब नहीं ....


मैं भूल जाऊँ तुम्हें अब यही मुनासिब है ,
मगर भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलूँ...
की  तुम तो फिर भी हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं ....
यहाँ तो दिल का यह आलम है क्या कहूं कम्बखत..
भुला सका ना यह  वो सिलसिला जो था भी नहीं....
वो एक खयाल जो आवाज़ तक गया ही नहीं
वो  एक  बात  जो  मैं  कह  नहीं सका  तुमसे
वो  एक  रब्त  जो  हम  में  कभी रहा  ही  नहीं
मुझे  है  याद  वो   सब  जो  कभी हुआ  ही  नहीं
अगर  ये  हाल  है  दिल  का  तो  कोई समझाए ...
तुम्हें  भुलाना  भी चाहूँ  तो  किस  तरह  भूलूँ
की  तुम  तो  फिर  भी  हकीकत  हो कोई  ख़्वाब  नहीं ...

Monday 5 March 2012

' जान '.................



"बहुत  दिन  हुए  बिछड़े  हुए , दिल  में  कसक  आज  भी  है 


तूफ़ान  तो  थम  गया , पत्थरो  पे  निशाँ  आज  भी  हैं 
हम  हँसते  है  तो  दुनिया  समझती  है  ख़ुशी  का  आलम  है 
 जो  पल  हाथों  से  निकल  गया  उसकी  जुस्तजू  आज  भी  है 
 खुदा  गवाह  है  हमने  किसी  का  दिल  नहीं  तोडा 
 शायद  वो  लौट  आये , उसका  इंतज़ार  आज  भी  है 
 शबनम  के  चाँद  कतरे  हाथ  में  लेकर 
 तारो  को  एक  तक  देखते  हुए 
 सूनी  सड़क  पर  रात  की  स्याही  में , चलते  जाना  आज  भी  है 
 हर  इंसान  कोशिश  कर  रहा  है , मंजिल  तक  पहुँचने   की 
 दुनिया  के  इस  मजमें  में , हम  अकेले  तनहा   आज  भी  हैं "



कैसी  है  ना  ये  ज़िन्दगी  हर  पल  एक  नया  ख्वाब  देखती  है , फिर  अगले  ही पल  टूट  कर  बिखर  जाती  है . एक  पल  के  लिए  तो  लगता  है  की  ज़माने  भर  की  खुशियाँ  फिर  लौट  आई  है  पर  अगले  ही  पल  वो  खुशियाँ  फिर  से  चकनाचूर  हो  जाती  हैं.


तुम  से  कुछ  कहना  चाहता   था, पर  समझ  नहीं  पा  रहा था  की  बात  शुरू  कहाँ  से  करूँ ? पर  कहीं  ना  कहीं  से  शुरुआत  तो  करनी  ही  पड़ेगी ना . मैं  कई  दिनों  से  मन पर एक  बोझ  लिए  जी  रहा  हूँ.   मैंने  कहीं  पढ़ा था  की  आदमी  के  मन पर  कोई  बोझ  हो  तो  उसे किसी  से  बाँट  लेना  चाहिए , इस  से  वो  बोझ  कुछ  कम  हो  जाता  है  . अब  तुम  से  बेहतर  कौन होगा जिससे  मैं  अपने  इस  बोझ  को  बाँट  सकूं ?


कुछ  दिनों  से  देख  रहा  हूँ  तुम  मेरी  ज़िन्दगी  में  शहद  की  तरह  घुलती  जा  रही  हो . मुझे  तुम्हारी  आदत  सी  पड़ती  जा  रही  है . दिन  में  1-2 बार  tum से  बात  ना  हो  तो  ऐसा  लगता  है  की  ज़िन्दगी  में  कुछ  कमी  सी  है . मुझे  पता  ही  नहीं  चला  तुम  कब  मेरी ज़िन्दगी  में  आई  और  मेरी  ज़िन्दगी  का  एक  हिस्सा  बन   गयी .


काश ! तुम  मुझे  पहले  मिली  होती . एक  पत्थर  था  मैं  जो  की  ऊपर  से  समतल  सा  था , लेकिन  भीतर  हे  भीतर  खुद  से  उलझा  हुआ . लोग  मुझे  संगदिल  और  घमंडी  कहते , मुझे  बिलकुल  बुरा  नहीं  लगता . लेकिन  तुमने  मेरे  भीतर  अंकित  निबंध  के  एक  एक  शब्द  को  कितनी  खूबसूरती और आसानी से  पढ़  लिया  था . तुम्हारी  दोस्ती और साथ  पा  कर  मैं  उफनती  नदी  की  तरह  बहने  लगा  था . मुझे  किनारों  का  होश  ही  कहाँ  था , मैं  तो  सिर्फ  बहते  रहना  चाहता  था . तुम्हारे  साथ  गुज़ारा  एक  एक  पल  समेत  लेना  चाहता  हूँ  अपनी  लहरों  में.  

कितनी  घनी  होती  ही  स्मृतियों  की  बगिया, इनमें  से  निकलना  मुश्किल है और  छोड़ना तो है ही दर्द  की  चुभन  सा . कितने  लम्बे  कदम  हैं इन  सन्नाटों  के  की  घिरता  ही जा  रहा  हूँ  मैं . कितना  कुछ  याद  आ  रहा  है  आज . यह  मन  भी  बड़ा  अजीब  होता  है , ज़िन्दगी  जी  कर  सिर्फ  खुशियों  की  उपलब्धियां  जुटाता  है  और  मादा  बन्दर  की  तरह  खुशियों  के  शत -विक्षत  शव  को  सीने  से  लगाये रखता  है .



मैं  जानता  हूँ  ' जान ' मुझे  Possessive   नहीं  होना  चाहिए  पर  पता  नहीं  क्यूँ  मैं  ये  बर्दाश्त  नहीं  कर  सकता  की  तुम्हारे  और  मेरे  बीच  कोई  आये . तुम  और  लोगों  के  साथ  कैसे  भी  सम्बन्ध  रखो  पर  मेरे  और  तुम्हारे  रिश्ते  से  उन्हें दूर ही रखो . हमारी  दोस्ती  में  उन  लोगों  की  वजह  से कोई  फरक  नहीं  पड़ना  चाहिए . इतनी  उम्मीद  तो  मैं  तुम  से  कर  ही  सकता  हूँ  ना  जान .........









सवाल जवाब .....





उस  से  कहो  एक  बार  भूल  कर  आ  जाये ,


जो  बीती  है  उस  पर , वो  तो  सुना  जाये ,


हंस  हंस  के  ग़म  छुपाने  का  हुनर ,


उस  से  कहो   हम  को  भी  सिखा  जाये ,


उस  की  याद  में  तड़पता रहता  हूँ  हर  पल ,


उस  से  कहो  मेरे  दिल  से  अपना  नाम  तो  मिटा जाये ,


अरसा  हुआ है  चाँद  को  देखे हुए लोगो ,


उसे  कहो  के  अपना  चेहरा  तो  दिखा  जाये ,


आये  भी  तो  क्या  दे  सकूँगा  उस  को ,


फ़क़त  एक  ज़िन्दगी  है , वो  अपने नाम  लिखवा  जाये ....









आना  तो  है  शायद   कुछ  देर  हो  जाए  


जो  बीती  है  उसका  जखम  भर  तो  जाये 


ग़म  छुपाने  का  हुनर  नहीं  है  ये  


हम  तो  तेरी  याद  में  ही  मुस्कुराये 


दिल  से  मिटाना  तो  दूर  की  बात  है 


पहले  उस  पेड़  से  तो  नाम  मिट  जाये 


हम  इस  उम्मीद  से  आसमान  देखते  हैं 


शायद  चाँद  के  जरिये  ही  बात  हो  जाये 


खुश  हैं  सुनकार  की  तुम  तो  जिंदा  हो 


हम  अपनी  जिंदगी  तो  कब  की  दफना  आये .

प्यार .......








वो ...


हर  इकरार  का  मतलब  इकरार  नहीं  होता.. 


हर  इनकार  का  मतलब  इनकार  नहीं  होता ..


यूँ  तो  हजारों  से  मिलती हैं  नज़रें ..


हर  नज़र  का  मतलब  प्यार  नहीं  होता. 





मैं ...


माना हर  इकरार  का  मतलब  इकरार  नहीं  होता.. 


माना  हर  इनकार  का  मतलब  इनकार  नहीं  होता.. 


हजारों  से  मिलाती  हो  हम  से  चुराती  हो ..


क्या  नज़ारे  चुराना  भी  प्यार  नहीं  होता .

वक़्त......





चले  जायेंगे  जल्द  ही  तुझे  तेरे  हाल  पे  छोड़  कर ...


ऐ  जान -ए -मन 


कदर क्या  होती  है 


तुझे  वक़्त  ही  सिखा  देगा.. :|

नाकाम..





अजीब  तरह  से  नाकाम  रहे  हम  दोनों ..


वो  मुझे  चाह  ना  सकी मैं  उसे  भुला  ना  सका ..



Sunday 4 March 2012

प्यारी प्यारी सी जान .........


'तुम '' कितनी  अच्छी  लगती  हो 
जब  गहरी  सोचो  में  डूबे  तुम  हौले  हौले  चलती  हो 
जब  तन्हाई  के  शोलो  में  तुम  रफ्ता  रफ्ता  जलती  हो 
जब  भीगे  भीगे  मौसम  में  तुम  लम्हा  लम्हा  सोचती  हो 
जब  अपनी  काली  आँखों  से  तुम  मुझ  को  देखा  करती  हो 
जब  प्यार  मोहब्बत  के किस्से  तुम  कान  लगा  कर  सुनती  हो ,,
जब  अपनी  बोलती  आँखों  से  तुम  मेरा  सब  कुछ  माँगा  करती  हो 
जब  दिल  की  मीठी  बातों  पर  तुम  थोडा  सा  घबराती  हो 
तो  ऐसे  सारे लम्हों  में ऐ  मेरी  जाने -ऐ -जान 
तुम  क्या  जानो "तुम  कितनी  अच्छी"  लगती  हो 

                                                     मेरी प्यारी  प्यारी  सी जान