Tuesday 30 April 2013
Monday 22 April 2013
Tuesday 16 April 2013
"ज़िन्दा हूँ मै"..
अरसे बाद आज
हुई बात उनसे,
तो जाना कि
"ज़िन्दा हूँ मै"...
कुछ जवाब-सवालात ने
वो पल लौटा दिए फिर से,
याद आये वो पल तो जाना कि
"ज़िन्दा हूँ मै"...
झरने की तरह
होंठों से फूटती वो हंसी,
अमरत्व का रस, सा
उस एक पल में घोल गयी...
उबरी जो एकाएक
उस एहसास से,
तो जाना कि
'ज़िन्दा हूँ मै' ...
हुई बात उनसे,
तो जाना कि
"ज़िन्दा हूँ मै"...
कुछ जवाब-सवालात ने
वो पल लौटा दिए फिर से,
याद आये वो पल तो जाना कि
"ज़िन्दा हूँ मै"...
झरने की तरह
होंठों से फूटती वो हंसी,
अमरत्व का रस, सा
उस एक पल में घोल गयी...
उबरी जो एकाएक
उस एहसास से,
तो जाना कि
'ज़िन्दा हूँ मै' ...
Monday 15 April 2013
मेरा वजूद..
मुझको बतलाओ मुझे, कैसे भुलाओगी तुम!
प्यास नजरों की भला, कैसे बुझाओगी तुम!
मेरी उल्फ़त तेरे चेहरे पे, नजर आती है,
मेरी चाहत को यहाँ, कैसे छुपाओगी तुम!
मैं अभी जिंदा हूँ तो, मान भी जाऊंगा मगर,
बाद मरने के मुझे, कैसे मनाओगी तुम!
खून से अपने जो ख़त, मैंने तुम्हे लिखे थे,
हाथ कांपेंगे उन्हें, कैसे जलाओगी तुम!
ये जिस्म है मिट्टी का, सतालो लेकिन,
रूह से अपनी, नजर कैसे मिलाओगी तुम!"
प्यास नजरों की भला, कैसे बुझाओगी तुम!
मेरी उल्फ़त तेरे चेहरे पे, नजर आती है,
मेरी चाहत को यहाँ, कैसे छुपाओगी तुम!
मैं अभी जिंदा हूँ तो, मान भी जाऊंगा मगर,
बाद मरने के मुझे, कैसे मनाओगी तुम!
खून से अपने जो ख़त, मैंने तुम्हे लिखे थे,
हाथ कांपेंगे उन्हें, कैसे जलाओगी तुम!
ये जिस्म है मिट्टी का, सतालो लेकिन,
रूह से अपनी, नजर कैसे मिलाओगी तुम!"
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