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Tuesday, 16 April 2013

"ज़िन्दा हूँ मै"..

अरसे बाद आज
हुई बात उनसे,
तो जाना कि 
"ज़िन्दा हूँ मै"...

कुछ जवाब-सवालात ने
वो पल लौटा दिए फिर से,
याद आये वो पल तो जाना कि
"ज़िन्दा हूँ मै"...

झरने की तरह
होंठों से फूटती वो हंसी,
अमरत्व का रस, सा
उस एक पल में घोल गयी...

उबरी जो एकाएक
उस एहसास से,
तो जाना कि
'ज़िन्दा हूँ मै' ...

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