अब नहीं आती
रात भर जाग कर बात करने वाली रातें....
अब नहीं होते
ख़ामोशी वाले कितने घंटे......
अब नहीं मिलते
मुश्किल से निकाले हुए पांच मिनट .....
अब नहीं आती वो मिस्सेड कालें.....
अब नहीं जगाता
तुम्हें रात रात भर....
अब नहीं करता
तुम्हें मिलने की जिद....
अब नहीं मांगता
तुम्हारी तस्वीरें ......
अब नहीं खरीदता
तुम्हारे लिए उपहार .....
फिर भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ ......
क्यों ? कैसे ?
शायद .......
ऐसे ही :)
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