मुझे लगता है ऐसा कभी कभी
जैसे वो अजनबी लड़की
मुझ से प्यार करती है
मुझे चाहती है
अक्सर यूँही छुप्प छुप्प के
देखती है , जाने क्या सोच कर
नज़रें चुरा जाती है
कुछ घबरा सी जाती है
अपने आँचल को हवाओं के ज़ोर पर लहराती है
महसूस मुझे यह होता है के
शायद मुझे वोह बहुत चाहती है
मुझे ऐसा एहसास दिलाती है जैसे
वोह मुझ से कुछ कहना चाहती है
मेरे पूछने पर कुछ शर्मा सी जाती है
कुछ घबरा सी जाती है
"सुनो" कह कर भाग जाती है
अजनबी लड़की शायद प्यार करती है मुझ से
ऐसा महसूस होता है जाने क्यूँ मुझे
दिल भी कितना पागल है क्या क्या
सोचता रहता है
कुछ मासूम से जज्बें हैं
कुछ अनदेखे सपने हैं
मगर वो नहीं जानती शायद
मेरी ज़िन्दगी है वो ..
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