Vedna ( वेदना )
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Tuesday, 24 September 2013
एक
ये
ख्वाहिश
के
कोई
ज़ख्म
न
देखे
दिल
का
;
एक
ये
हसरत
के
काश
कोई
देखने
वाला
होता
.
मौत
के
बाद
याद
आ
रहा
है
कोई
,
मिटटी
मेरी
कब्र
से
उठा
रहा
है
कोई
,
या
खुद
दो
पल
की
मोहलत
और
दे
दे
,
उदास
मेरी
कब्र
से
जा
रहा
है
कोई
.
मेरे
सजदों
में
कमी
तो
न
थी
,
ए
दोस्त
!
क्या
मुझ
से
भी
बढ़
के
किसी
ने
माँगा
था
तुझे
?
मेरे
दिल
की
ख्वाहिशें
रह
रह
कर
पूछेंगी
एक
दिन
उस
से
;
किस
को
आबाद
किया
है
मुझ
को
बर्बाद
कर
के
!
Monday, 9 September 2013
आज टूट कर उसकी याद आई तो एहसास हुआ
उतर जाएँ जो दिल में वो भुलाये नहीं जाते ......
वक़्त लेता है करवटें न जाने कैसे कैसे;
उम्र इतनी तो नहीं थी जितने सबक सीख लिए हमने !
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